Monday 22 August 2022

HEALTHY FOOD APPLE and 8 BENIFITS

 HEALTHY FOOD AND BENIFITS  1-APPLE

hello guys this blog for healthy foods of your health

apple

apple

Here are eight impressive health benefits of apples.
  • Nutritious. ...
  • May support weight loss. ...
  • Could be good for your heart. ...
  • Linked to a lower risk of diabetes. ...
  • May promote gut health. ...
  • Might help prevent cancer. ...
  • Could help fight asthma. ...
  • May help protect your brain.


Saturday 10 December 2016

UNKNOWN AMAZING FACTS OF HUMAN IN HINDI MUCH BETTER

AMAZING FACTS ABOUT HUMAN HINDI 

इस ब्लॉग में आपको शरीर के बारे  में आश्चर्यजनक बातो से अवगत करवाऊंगा-----
1---हर इंसान  अंदर लगभग 62000 मिल की धमनिया होती हे 

2 ---हमारे पसीने के अंदर कोई बदबू नहीं होती है ये सब बेक्टिरिया की वजह से होता है 

3 ---कान और नाक ज़िन्दगी भर बढ़ते रहते है 

4 ---हर इंसान का दिल रोजाना 10000 बार धडकता है 

5 ---हमारे ब्रेन का स्टोरेज अनलिमिटेड होता हे ये कभी फुल नही होता हे 


6 ---किसी भी इंसान का आँखे खुली रख कर छींकना असंभव हे 

7 ---हमारे पेट में बनने वाला अम्ल एक ब्लेड को भी गला सकते है 

Saturday 24 September 2016

EXERCISE➖➖✔HEALTHY BODY (english)

Regular EXERCISE
Regular exercises is an important part of a healthy lifestyle.people who lead an active life are more likely to live longer and less likely to develop serious diseases such as heart diseases.EXERCISE not only improves your physical health it also helps to reduce anxiety and lowers your risk of other mental health conditions such as depression.

It reduces blood sugar levels:
EXERCISE prevents sugar from accumulating in the blood by triggering muscles to take up more glucose from the bloodstream and use it for energy.this can reduce a person'risk of developing diabetes.

it controls weight:
when a person is sedentary he tends to be taking in more calories than are needed.these unused calories accumulating as fat.a person who is physically active may have a deficit of calories.which takes fat away and lowers weight.lowered weight is good for the heart and can be beneficial in people with diabetes.



""EXERCISE  more soon,it's going to feel amazing""

Sunday 11 September 2016

top hindi inspirational quates


साख बनाने में बीस साल लगते हैं और उसे गंवाने में बस पांच मिनट. अगर आप इस बारे में सोचेंगे तो आप चीजें अलग तरह से करेंगे.

Warren Buffett  वॉरेन बफे

English Quote:- Never think there is anything impossible for the soul. It is the greatest heresy to think so. If there is sin, this is the only sin; to say that you are weak, or others are weak.




कभी मत सोचिये कि आत्मा के लिए कुछ असंभव है. ऐसा सोचना सबसे बड़ा विधर्म है. अगर कोई पाप है, तो वो यही है; ये कहना कि तुम निर्बल हो या अन्य निर्बल हैं.

Swami Vivekananda





If money help a man to do good to others, it is of some value; but if not, it is simply a mass of evil, and the sooner it is got rid of, the better.

Hindi Quote:- अगर धन दूसरों की भलाई करने में मदद करे, तो इसका कुछ मूल्य है, अन्यथा, ये सिर्फ बुराई का एक ढेर है, और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाये उतना बेहतर है.





मैं ७ फुट के अवरोध को पार करने की नहीं सोचता: मैं १ फुट का अवरोध ढूंढता हूँ जिसे मैं पार कर सकूँ.

 Warren Buffett




इस बात को व्यक्त मत होने दीजिये कि आपने क्या करने के लिए सोचा है, बुद्धिमानी से इसे रहस्य बनाये रखिये और इस काम को करने के लिए दृढ रहिये.

 Chanakya





 जैसे शरारती बच्चों के लिए मक्खियाँ होती हैं, वैसे ही देवताओं के लिए हम होते हैं; वो अपने मनोरंजन के लिए हमें मारते हैं.

William Shakespeare





आज हमारे अन्दर बस एक ही इच्छा होनी चाहिए, मरने की इच्छा ताकि भारत जी सके! एक शहीद की मौत मरने की इच्छा ताकि स्वतंत्रता का मार्ग शहीदों के खून से प्रशश्त हो सके.

Subhash Chandra Bose







Thursday 25 August 2016

how to control high blood preesure ?tips in hindi

control high blood preesure tips

रिच प्रोटीन फूड--प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थों का अपनाएं। दिनभर में आपको लगभग 6 ऑन्स या इससे कम प्रोटीन लेना चाहिए। आप चाहें तो रेड मीट की जगी चिकन का चुनाव कर सकते हैं। बेहतर प्रोटीन स्त्रोत के रूप में अंडा और मछली को आप रोजाना डाइट में शामिल कर सकते हैं।

फल और सब्जियां -अपनी रोज की डाइट में आपको भरपूर फल और सब्जियों को जरूर शामिल करना चाहिए। प्रतिदिन कम से कम 2 से ढाई कप फल और सब्जियों को डाइट में शामिल कीजिए। पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकली, ब्लूबेरी को डाइट में जगह देने के साथ-साथ पोटेशियम से भरपूर चीजें जैसे - तरबूज, संतरा, केला, आलू आदि भी लीजिए। पोटेशियम ब्लडप्रेशर को मेंटेन करने में काफी मददगार है।

सोडियम का स्तर -हाईब्लडप्रेशर के मरीजों को अपनी डाइट सोडियम का स्तर कम कर देना चाहिए। सोडियम सिर्फ नमक से नहीं मिलता बल्कि प्रोसेस्ड फूड में भी मौजूद होता है। बाजार से ऐसी चीजें लेने से पहले अच्छी तरह जांच लें। चिप्स, फ्रोजन सी फूड, सरसों, कैचप और अचार का प्रयोग कम ही करें। इनकी थोड़ी मात्रा भी आपके शरीर में सोडयम का स्तर 1000 एमजी तक बढ़ा सकता है।

साबुत अनाज - प्रासेस्ड फूड की जगह साबुत अनाज खाना आपके लिए फायदेमंद होगा। ओट्स, सेरेल्स, होल ग्रेन ब्रेड, पास्ता को चुना जा सकता है। लेकिन बालार से इन्हें लेते समय न्यूट्रीशन लेबल और सोडियम की मात्रा को जरूर जांच लें। 8 ऑन्स साबुत अनाज आप डेली डाइट में ले सकते हैं।

मेवे, बीज और फलियां -राजमा, नट्स, मूंगफली, पीनट बटर, और ऐसे ही अन्य खाद्य पदार्थों का सेवन हृदय की सेहत के लिए भी फायदेमंद होगा और ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करेगा। सप्ताह में कम से कम 4 से 6 बार आपको इन्हें डाइट में शामिल करना चाहिए।


Monday 22 August 2016

एक कदम स्वच्छता की ओर...

स्वास्थ्य संबंधी बाँटना और उस पर कार्य करना क्यों आवश्यक है।सभी प्रकार का मल शौचकूप या शौचालय में फेंकना; बच्चों के मल से संपर्क करने के बाद या बच्चों को खाना खिलाने से पहले या खाने को छूने से पहले हाथ साबुन और पानी के साथ या राख और पानी के साथ अच्छी तरह साफ करना; और इसकी पुष्टि कर लेना कि पशुओं का मल घर, रास्ता, कुँआ और बच्चों के खेलने के स्थान से दूर रखा जाना चाहिये।एकत्रित होकर शौचकूप और शौचालय बनाना और उनका प्रयोग करना, जल स्रोतों की सुरक्षा करना और कूड़ा तथा अन्य गंदगी, पानी जैसी चीजों का सुरक्षित निपटारा किये जाने की समाज में सभी को आवश्यकता है। सरकारों द्वारा समाज को कम खर्चीले शौचकूप और शौचालय बनाने के लिये आवश्यक सूचना देना बहुत आवश्यक है क्योंकि यह सभी परिवारों के द्वारा वहनीय है। नगरीय क्षेत्रों में, अल्प-व्ययीन (कम खर्चीले) ड्रेनेज सिस्टम और सफाई व्यवस्था, परिष्कृत पेय-जलापूर्ति और कूड़ा इकट्ठा करने जैसे कामों के लिये सरकारी मदद की आवश्यकता होती है।
स्वच्छता मुख्य संदेश-1
  • बहुत सी बीमारियाँ, विशेषत: अतिसार (डायरिया), मानव मल में पाये जानेवाले रोगाणुओं के कारण होती हैं। यदि रोगाणु खाना, या पानी, हाथ, बर्तन, या खाना पकाने के स्थान और खाना खाने के स्थान पर पहुँच गये, तो वे मुँह के द्वारा निगले भी जा सकते हैं और इस प्रकार बीमारी फैला सकते हैं।
  • रोगाणुओं को फैलने से रोकने के लिये सबसे उत्तम उपाय है- सारे मल चाहे वह मानव का हो या पशुओं का सुरक्षित तरीके से फेंका जाये। मानव मल को शौचकूप या शौचालय फेंका जाना चाहिये। शौचालयों को साफ रखा जाना चाहिये। पशुओं का मल घर, रास्ते और बच्चों के खेलने के स्थान से दूर रखनी चाहिये।यदि शौचकूप या शौचालय का प्रयोग करना संभव न हो तो, सभी को घर, रास्ते, जल के स्रोत और बच्चों के खेलने के स्थान से काफी दूर जाकर मलत्याग करनी चाहिये और मल को तुरंत मिट्टी में दबा देना चाहिये।
  • सभी प्रकार का मल, बिल्कुल नन्हें बच्चों का भी, रोगाणुओं का स्थानांतरण करता है और इसीलिये खतरनाक है। यदि बच्चे बिना शौचकूप या शौचालय के, लैट्रिन या पॉटी के बिना मलत्याग करें तो उनका मल तुरंत शौचकूप या शौचालय में डाल देना चाहिये या गाड़ देनी चाहिये।
स्वच्छता मुख्य संदेश-२
  • साबुन और पानी से रोज चेहरा धोने से ऑंखों के संक्रमण से बचाव होता है। विश्व के कुछ हिस्सों में, आँखों का संक्रमण ट्रॅकोमा की ओर ले जाता है जिसके कारण अंधत्व भी आ सकता है।
  • गंदा चेहरा मक्खियों को आकर्षित करता है, और वे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक रोगाणु फैलाती हैं। इससे आँखें खराब हो सकती और देखने में कठिनाई हो सकती है। यदि आँखें साफ और स्वस्थ न रखी जाएँ तो संक्रमण हो सकता और अंधत्व भी आ सकता है।
  • यदि आँखें साफ और स्वस्थ हैं, सफेद हिस्सा साफ है, आँखें नम और चमकदार हैं, और दृष्टि तीक्ष्ण है। यदि आँखें बहुत अधिक सूखी या लाल और सूजी हुई, यदि किसी पदार्थ का कोई प्रवाह हो रहा हो या देखने में कठिनाई आ रही हो तो जल्द से जल्द बच्चे को स्वास्थ्य कर्मचारी को दिखाना चाहिये।
स्वच्छता मुख्य संदेश-३

  • बच्चों सहित, परिवार के सभी सदस्यों के लिये, मल से संपर्क के बाद, भोजन को छूने से पहले और बच्चों को खिलाने से पहले, हाथ साबुन और पानी या राख और पानी के साथ अच्छी तरह धोना आवश्यक है।
  • हाथ साबुन और पानी या राख और पानी के साथ अच्छी तरह धोने से रोगाणु निकल जाते हैं। केवल अंगुलियों को खंगालना ही काफी नहीं है-दोनों हाथों को साबुन या राख से धोना चाहिये। इसके कारण रोगाणुओं और गंदगी का मुँह में जाने से बचाव होता है। हाथों को धोने से कृमि का संक्रमण भी दूर रहता है। साबुन और पानी या राख और पानी को शौचालयों के बाहर सुविधापूर्वक रखा जाना चाहिये।
  • यह विशेषत: महत्वपूर्ण है कि अभी जिस बच्चे ने मलत्याग किया हो उसके नितंब धोने के बाद हाथ धोना बहुत ही आवश्यक है। इसी प्रकार पशुओं के मल संपर्क या कच्चा खाना छूने पर भी हाथ धोना अनिवार्य है।
  • खाना पकाने, परोसने या खाने से, या बच्चों को खाना खिलाने से पहले हाथ धोना बहुत आवश्यक है। मलत्याग करने के बाद और खाना खाने से पहले दोनों हाथों को अच्छी तरह धोने की आदत बच्चों में डालनी चाहिये जिससे उनका बीमारियों से बचाव हो सके।
  • बच्चे प्राय: मुँह में हाथ डालते रहते हैं, इसीलिये बच्चों के हाथ अक्सर धोना महत्वपूर्ण है, विशेषत: जब वे गंदगी या पशुओं के साथ खेल रहे हों।
स्वच्छता मुख्य संदेश-4

  • परिवार अपने घर में पानी इस प्रकार साफ रख सकते हैं:
  • पीने का पानी साफ और ढके हुए बर्तन में रखें
  • गंदे हाथों से साफ पानी को न छुएँ
  • किसी कसौली या कप से पानी के बर्तन में से पानी लेंपानी के बर्तन पर नल लगा लेंपानी के बर्तन के अंदर किसी को भी हाथ न डालने दें और न ही सीधे उसी पानी के बर्तन में से किसी को पानी लेने देंपशुओं को भरे हुए पानी से दूर रखें
  • यदि पीने के पानी के बारे में कोई भी अनिश्चितता हो, तो स्थानीय प्राधिकरणों से संपर्क किया जा सकता है।
स्वच्छता मुख्य संदेश-5

  • कच्चा या बचा हुआ खाना खतरनाक हो सकता है। कच्चा खाना धोकर और पका कर खाएँ। पका हुआ खाना पूरी तरह से गर्म करके बिना विलंब खाना चाहिये।
  • खाने को पूरी तरह पकाने से उसके रोगाणु मर जाते हैं। खाना, विशेषत: मांस और मुर्गे के माँस को बहुत अच्छी तरह पकाया जाना चाहिये।
  • सामान्य गरम खाने में रोगाणु तेजी से बढ़ते हैं। पकाने के बाद खाना बहुत जल्दी खा लेनी चाहिये ताकि खाने में रोगाणु आ ही न पाएँ।
  • यदि खाना दो या अधिक घंटों के लिये रखना है, तो उसे बहुत गर्म रखना चाहिये या फिर बिल्कुल ठंडा रखना चाहिये।
  • यदि पकाया हुआ खाना दूसरी बार के भोजन तक रखना हो, तो उसे ढक कर रखना चाहिये ताकि मक्खियाँ और कीड़े-मकोड़े से सुरक्षित रहें और खाना खाते समय उसे पूरी तरह से गर्म कर लें।योगर्ट और खट्टा दलिया खाने में बहुत अच्छा होता है क्योंकि इसके अम्लों के कारण रोगाणु बढ़ नहीं पाते।
  • कच्चा खाना, विशेषत: पॉल्ट्री और समुद्री खाना, इनमें प्राय: रोगाणु होते हैं। पका हुआ खाना कच्चे खाने में से रोगाणु ले सकता है। इसीलिये कच्चे और पके हुए खाने को अलग रखना चाहिये वरना पके हुए खाने में कच्चे खाने से रोगाणु आ ही जायेंगे। चाकू, सब्जी काटने के बोर्डस् और खाना पकाने की जगहों की सफाई का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिये और इन सब वस्तुओं को प्रयोग के बाद धोकर रखना चाहिये।
  • माँ का दूध नन्हें और छोटे बच्चों के लिये सुरक्षित है। पशुओं का ताज़ा उबला हुआ दूध बिना उबले दूध से अधिक सुरक्षित है।
  • माँ का दूध निकाल कर कमरे के तापमान पर, एक साफ और ढके हुए बर्तन में आठ घंटों तक रखा जा सकता है।
  • नन्हें और छोटे बच्चों का खाना बनाते समय खास ध्यान रखना चाहिये। उनका खाना ताज़ा बनाना चाहिये और उसे देर तक रखा भी नहीं जाना चाहिये।
  • फल और सब्जियाँ यदि नन्हें और छोटे बच्चों का कच्ची खिलाई जानेवाली हैं तो पहले उन्हें साफ पानी से अच्छी तरह धो लें क्योंकि कीटनाशक और अन्य दवाइयाँ फल और सब्जियों पर दिखाई नहीं देतीं लेकिन प्राणघातक हो सकती हैं।
स्वच्छता मुख्य संदेश-6

  • खाना, बर्तन और खाना पकाने के स्थान को साफ रखना चाहिये। खाना बर्तनों में ढक कर रखा जाना चाहिये।
  • खाने पर बैठे हुए रोगाणु निगले जा सकते हैं और बीमारी ला सकते हैं। खाने को रोगाणुओं से बचाने के लिये:
  • खाना पकाने के स्थान साफ रखने चाहिये
  • चाकू, खाना पकाने के बर्तन, पतीले और प्लेटें साफ और एक कर रखनी चाहिये।
  • प्लेटे और बर्तनों को पोंछने के लिये प्रयोग किये जानेवाले कपड़े धोकर धूप में सुखाने चाहिये। प्लेटें, बर्तन और पतीले खाना खाते ही रोज साफ मांज कर एक रैक में सुखाने चाहिये।
  • खान को पशुओं और कीड़े-मकोडों से बचाने के लिये ढक कर रखना चाहिये
  • दूध पीने की बोतलें या टीटस् का प्रयोग न करें क्योंकि उनमें रोगाणु आ सकते हैं जिससे डायरिया हो सकता है जब तक कि इन बोतलों को हर बार अच्छी तरह उबलते हुए पानी से धोकर न रखा जाये। बच्चों को माँ का दूध ही देना चाहिये या चौड़े कप से उन्हें दूध पिलाना चाहिये।
स्वच्छता मुख्य संदेश-7

  • घर के पूरे कूड़े करकट का सुरक्षित निपटारा बीमारियों से बचाव करता है।
  • खाने पर बैठे हुए रोगाणु निगले जा सकते हैं और बीमारी ला सकते हैं। खाने को रोगाणुओं से बचाने के लिये:
  • रोगाणुओं का फैलाव मक्खियों, तिलचट्टे और चूहे के द्वारा होता है जो कूड़े करकट में खाना ढूँढने के लिये घुसकर रोगाणुओं को जगह देते हैं। जैसे सब्जियों के छिलके और फलों के टुकड़े आदि।
  • यदि कूड़े का सामुदायिक एकत्रीकरण नहीं किया जा रहा, तो प्रत्येक परिवार को एक कूड़ेदान की आवश्यकता होगी जहाँ प्रतिदिन घरेलू कूड़ा जलाया या दबाया जा सकता है।
  • आसपास के क्षेत्र को मल, कूड़ा आदि, इस्तेमाल किया हुआ पानी इन सब से मुक्त और साफ रखने से बीमारियों से बचाव होता है। इस्तेमाल किया हुआ पानी इकट्ठा करने के लिये एक गड्ढा खोदना चाहिये जिससे कि यह पानी किचन गार्डन या खेतों की ओर निकाल दिया जाये।
  • कीटनाशक और वनौषधियों जैसे रसायन, यदि उनकी एक अत्यंत छोटी मात्रा भी खाना, हाथ या पैर या पानी में घुल जाये तो खतरनाक हो सकते हैं। रसायनों का काम करते हुए इस्तेमाल किये हुये कपड़े और कंटेनरों को घरेलू इस्तेमाल करने वाले पानी के स्रोत के पास न धोएँ।
  • कीटनाशक और अन्य रसायनों का प्रयोग घर के आसपास या पानी के स्रोत के पास नहीं किया जाना चाहिये। रसायनों का संग्रह पानी के स्रोत या खाने के स्थान के पास नहीं करना चाहिये। कभी भी खाद्यान्न का संग्रह रसायनों, कीटनाशकों के डिब्बों आदि में न करें।

#clean_india
#green_india
#healthy_india



by-gomahealth.blogspot.com (mahesh suthar )




Sunday 21 August 2016

Man diet plan (जरुरी आहार )

 यह तो हम सब जानते हैं कि आज का खाया पिया कल जरुर काम देता है, पर आज कल के पुरुष कहीं भी कुछ भी खा लेते हैं। आज कल की भाग दौड़ भरी दिनचर्या ने लोगों को उनके अच्‍छे खान पान से एकदम दूर कर दिया है। 
 पुरुषों के लिए ऊर्जा पैदा करने वाला और मजबूत मासपेशियां बनाने में मदद कुछ इस तरह के  आहार ---

1- साबुत आनाज: आपके हर आहार में साबुत आनाज जरुर होना चाहिए क्‍योंकि इसमें रेशा, विटामिन और मिनरल पाया जाता है। साबुत आनाज दिल, मासपेशियों और वजन कम करने के लिए बहुत अच्‍छा आहार होता है। जिन आदमियों के पास वर्क आउट करने का समय नहीं होता वह इसको खा कर काम चला सकते हैं।

2-पालक: अगर आपको पोपाय जैसे ताकत चाहिए तो पालक खाइये। क्‍योंकि इसमें फोलेट और बीटेन होता है जो ब्‍लड के लेवल को कम करता है, जिससे हार्ट अटैक होने का खतरा ज्‍यादा होता है। अगर आपको पालक नहीं अच्‍छा लगता तो चुकंदर खाएं जो कैंसर से लड़ने और खून बढ़ाने में मदद करेगा।

3- पत्‍ता गोभी: इसमें कैलोरी कम होती है। इसमें सल्‍फोरेपेन नामक रसायन होता है जो कैंसर से बॉडी को बचाता है। पत्‍ता गोभी में विटामिन, मिनरल और खूब सारा प्रोटीन पाया जाता है। यह पाचने में आसान और हमारे बालों के लिए भी बहुत बढि़यां माना जाता है।

4- केला: यह तुरंत शक्ति पहुंचाने वाला फल आपकी मेन्‍यू में जरुर होना चाहिए। काम के भार से निपटने के लिए आपको सुबह सुबह दो केले खा लेना चहिए जिससे आप दिन भर ऊर्जावान बने रहें और काम के प्रेशर से थके भी नहीं। पुरूषों को हार्ट अटैक और कई सारी दिल की बीमारियां होने का खतरा थोड़ा जादा होता है इसलिए अगर आप केले को अपने आहार में शामिल करेगें तो आप इन खतरनाक बिमारियों से बच सकते हैं।

5-रसीले ताजे शर्बत : सेहत के लिए गुणकारी-
गन्ने का रस 
ग्लूकोज का यह सबसे बड़ा स्रोत माना जाता है। एक गिलास गन्ने के रस से तत्काल ऊर्जा मिलती है। धूप और पसीने के कारण शरीर से निकल रहे खनिज लवणों की आपूर्ति भी इससे होती है। लौह तत्वों का बड़ा स्रोत माना जाता है। यदि आप मधुमेह के रोगी हैं तो इसे चिकित्सक की सलाह से लें।
 नीबू शरबत 
नींबू शरबत से शरीर को आवश्यक नमक और शक्कर के रूप में ऊर्जा मिल जाती है। विटामिन सी का तो इसे खजाना ही कहा जाता है। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली मजबूत हो जाती है। 
रूह अफ्जा 
रूह अफ्जा यूनानी पद्धति से बनाया गया शरबत है जो भारतीय उपमहाद्वीप में प्यास बुझाने का आदर्श पेय माना जाता है। इसमें प्रयुक्त जड़ी बूटियाँ शरीर में पानी के स्तर को बनाए रखने में मदद करती हैं। यह निर्जलन एवं लू लगने जैसी मुसीबतों से भी बचा लेता है। यह दस्त, पेटदर्द, बदहजमी आदि से भी निजात दिलाता है।
 नारियल पानी 
पानी वाला नारियल समूचे उत्तर भारत में मिलता है। इससे अधिक तेजी से तरोताजा करने वाला कोई ड्रिंक अब तक नहीं बना है। कच्चे हरे नारियल के एक गिलास पानी को सर्वश्रेष्ठ प्राकृतिक हैल्थ ड्रिंक माना जाता है। शरीर से विषैले पदार्थों को निकाल बाहर करने में यह बेजोड़ है। यह शरीर की पीएच वैल्यू भी कायम रखता है। इसे किसी भी बीमारी से ग्रस्त मरीज को दिया जा सकता है। 

Saturday 20 August 2016

awesome human brain facts in hindi

this facts which you never read before.
  • इंसान के emotions दिमाग का amygdala नामक भाग control करता है।अगर दिमाग से amygdala निकाल दिया जाए तो इंसान का किसी भी चीज से हमेशा के लिए डर खत्म हो जाएगा।
  • चॉक्लेट की smell हमारे दिमाग मे theta waves पैदा करती है जिसके कारण हमे relaxation feel होती है।
  • हमारे दिमाग मे रोजाना 70,000 विचार आते है।
  • अगर हमारे दिमाग को 5 मिनट से ज्यादा समय तक oxygen न मिले तो brain permanently damage हो सकता है।
  • दिमाग(brain) हमारे शरीर का लगभग 2% हिस्सा है लेकिन यह कुल oxygen और खून का 20% खपत करता है
  • दिमाग का 40 % हिस्से का रंग grey है और बाकि के 60 % हिस्से का रंग सफेद होता है।
  • हमारे दिमाग की लेफ्ट side बोलने को control करती है और पंक्षियों के दिमाग की लेफ्ट side उनके चहचहाना control करती है.
  • दिमाग शराब पीने के लगभग 7-8  minute के अंदर ही active हो जाता है और हमे नशा होने लगता है
  • जागते समय हमारा दिमाग 10 से 24 वाट तक की energy छोड़ता है जो एक बिजली के bulb को चला सकती है.
  • इंसान का brain 75% से ज्यादा पानी का बना होता है.
  • हमारी growth दिन की बजाय रात को ज्यादा होती है। ऐसा हमारे brain में मौजूद पिटूइटेरी ग्रंथि(pituitary gland) की वजह से होता है जो रात को सोते समय growth hormone को छोड़ती है।
  • इंसान का दिमाग(brain) 5 साल तक की आयु तक 95% तक बढ़ता है और 18 साल की उम्र तक पहुँचते-पहुँचते पूरा 100% विकसित हो जाता है ओर उसके बाद आगे विकसित होना रुक जाता है
  • हमारे दिमाग(brain) के 2 side होते है: left side and right side। और दोनों के function अलग अलग होता है।
  • हमारे दिमाग का सीधा भाग(right side) हमारे शरीर के left side को जबकि दिमाग की left side हमारे शरीर के Right side को control करती है.
  • जब हम किसी इंसान face गौर से देखते है तो हम अपने दिमाग का left side इस्तेमाल करते है.
  • हँसते वक्त हमारे brain के लगभग 5 हिस्से एक साथ काम करते हैं.
  • इंसान के दिमाग का वजन लगभग 1500 ग्राम तक का होता है.
  • 40 साल की age के बाद हमारा brain धीरे धीरे सुकड़ने लगता है.
  • इंसान का दिमाग पृथ्वी पर मौजूद सभी प्रणीयों से बड़ा हैं. 
  • हाथी का दिमाग(brain) उसके शरीर के मुकाबले सिर्फ 15% होता है जबकि इंसान का 2 %.
  • हमारा दिमाग सोते समय सबसे ज्यादा active होता है अलग अलग लोगों के दिमाग की shape भी  अलग-अलग होती है।
  • हमारे दिमाग में लगभग 100 अरब neurons होते हैं
  • हर बार जब हम कुछ नया सीखते है तो दिमाग मे  नई झुर्रियां विकसित होती है। और यह झुरिया ही IQ का सही पैमाना है।
  • मनोविज्ञान के अनुसार जिस इंसान के दिमाग की जितनी ज्यादा झुरिया होती है वो इंसान उतना ज्यादा समझदार होता है।
  • 1 ही बात को काफी देर तक tension लेकर सोचने से हमारा दिमाग कुछ समय के लिए सोचने, समझने और निर्णय लेने की क्षमता को खो देता है।
  • अकसर कहा जाता है की इंसान अपने दिमाग का सिर्फ 10% हिस्सा इस्तेमाल करता है लेकिन यह बात सच नहीं है। हम अपने दिमाग का पूरा इस्तेमाल करते है।
Brain (दिमाग) और mind (मन) दो अलग अलग चीजे है। mind body के किस भाग मे है इसका पता विज्ञान अभी तक नहीं लगा पाया है।


that is the fatcs of human brain.
by-gomahealth.blogspot.com
mahesh suthar

Monday 15 August 2016

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं......(happy independence day)



aaj 15 august he.Is din ko kon nhi janta he.is din ko hum bharatwasi independence day ke rup me celebrate karte he kyoki isi din humara desh aajad hua tha.
aaj is din sabhi school,office me deshbhakti sambhandhit program chalaye jate he.

me mahesh suthar aap sabhi ko #independence..day ki tahe dil se hardik shubhkamnae deta hu.

and salute for
#indian..army
#indian..navy
#indian..airforce
who keep saves our country.

#HAPPY INDEPENDENCE DAY
#JIO JI JAAN SE.......
#TAKE CARE
#PRAY FOR YOUR GOOD HEALTH



Sunday 14 August 2016

आयुर्वेदिक नुस्खे स्वस्थ त्वचा के लिए....

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आपकी त्वचा हर 27 दिन में खुद को पुनर्जीवित (Rejunuvate) करती है। लिहाजा स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए त्वचा की देखभाल जरूरी है। समय के साथ हमारी त्वचा में बदलाव दिखने लगते हैं। इन बदलावों का कारण सिर्फ उम्र ही नहीं है। अधूरा पोषण, सूरज की किरणें, तनाव और प्रदूषण भी त्वचा की रंगत बिगाड़ते हैं और यह झुर्रियों का कारण बनते हैं। त्वचा को बढ़ती उम्र के असर से बचाना चाहते हैं तो पोषक आहार लें और तेज धूप से बचें।


 स्किन का औसत वजन छह पाउंड होता है। आपकी बेहतर सेहत में त्वचा का एक अहम रोल होता है क्योंकि स्किन के कारण ही आप बाहरी संक्रमण और माइक्रोब्स यानि कीटाणुओं के आक्रमण से बचे रहते हैं।


इनसे बरतें परहेज (Precautions to make your Skin Healthy)

तनाव लेना
तनाव का आपकी स्किन पर नकारात्मक असर पड़ता है। ज्यादा तनाव लेने से एजिंग की समस्या आ जाती है। आंखों के नीचे काले घेरे और चेहरे पर झुर्रियां दिखने लगती हैं।

गर्म पानी से नहाना
अधिक गर्म पानी से न नहाएं। गर्म पानी स्किन की कोशिकाओं को कमजोर कर देता है, जिससे स्किन खराब होने लगती है।

कम वसा वाले खाना भी पहुंचाता है नुकसान
स्लिम ट्रिम होने के लिए कम वसा वाली डाइट लेना तो ठीक है, लेकिन स्किन के लिए बिल्कुल नहीं। इस तरह की डाइट स्किन को डल कर उसकी चमक कम कर देती है। दरअसल, स्किन को स्वस्थ और नमीयुक्त रखने के लिए वसा (fat) की जरूरत होती है।
कम सोना भी स्किन की सेहत के लिए खतरा
स्किन रात को रिजनरेट होती है। इसलिए हर दिन कम से कम आठ घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी है। शोध के मुताबिक, कम नींद लेने से एजिंग प्रोसेस तेज हो जाता है, इसलिए भरपूर नींद लें।

आयुर्वेदिक टिप्स (Ayurvedic Tips for Healthy Skin)

विटामिन सी प्रचुर मात्रा में लें (Take Vitamin C)
आधे कटे नींबू को त्वचा पर रगड़ने से आप त्वचा को उसकी सुरक्षा के लिए सीधे विटामिन सी की खुराक दे सकते हैं। सूरज की परा-बैंगनी किरणें त्वचा में विटामिन सी को नष्ट कर देती हैं। नींबू का रस इस नुकसान की भरपाई कर देता है। यह त्वचा में नमी बढ़ाकर झुर्रियों और समय से पहले बुढ़ापे के असर को दूर रखता है
  • सब्जी और चुकंदर का जूस पिएं (Drink vegetable and beetroot juice)
    सब्जियों का जूस जहां शरीर में पानी की कमी पूरी करता है वहीं एंटीऑक्सीडेंट्स भी देता है। रोज कम से कम एक गिलास सब्जियों का रस पियें। चुकंदर का रस लिवर की सफाई के साथ-साथ स्किन के लिए भी अच्छा है। यदि लिवर में विषैले तत्व जमा हो रहे हों, तो इसका असर त्वचा पर भी नजर आने लगता है। स्वस्थ त्वचा के लिए स्वस्थ लिवर होना जरूरी है। गाजर, टमाटर और चुकंदर का मिक्स जूस त्वचा और लिवर दोनों की सेहत के लिए अच्छा है।

  • हरे साग का सेवन करें (Eat green vegetables)
  • स्किन को एक्ने (मुहांसों) की समस्या से दूर रखने के लिए एंटी ऑक्सीडेंट्स से भरपूर गहरे रंग की साग-सब्जियों को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें, इनके सेवन से स्किन में गुलाबी निखार आयेगा, जो आपको आकर्षक बनायेगा। टमाटर एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो सनबर्न की समस्या के साथ स्किन पर असमय पड़ने वाली झुर्रियों (एंटी-एजिंग) की समस्या का भी समाधान करता है।
    मेडिटेशन करें (Do meditation)
    रोजाना लगभग 15-20 मिनट का मेडिटेशन काफी है। यह तनाव कम करता है, हार्मोन को बैलेंस रखता है और ब्लड प्रेशर कम करता है जिससे आपकी त्वचा भी अच्छी होती है।
    बादाम का दूध पिएं (Drink almond milk)
    दूध से प्रोटीन और बादाम से विटामिन डी मिलता है। यह शरीर के अन्य अंगों के साथ-साथ त्वचा को भी फायदा पहुंचाता है। डर्मेटोलॉजिस्ट कहते हैं कि खाली दूध पीने से मुंहासे हो सकते हैं। ऐसे में, दूध में बादाम मिलाकर पीना ही बेहतर होगा।
    ठंडे पानी से नहाएं (Take bath with cold water)
    ठंडे पानी से नहाएं, या फिर पांच मिनट का शॉवर लेकर तीन मिनट के भीतर स्किन पर मॉइश्चराइजर लगाएं।
    एक्सरसाइज करें (Do exercise)
    अच्छी सेहत के लिए नियमित एक्सरसाइज सबसे ज्यादा जरूरी है। जॉगिंग करें या टहलें, इससे रक्त संचार सुधरता है, अतिरिक्ट फैट घटता है और स्किन के टॉक्सिंस भी बाहर निकल जाते हैं।
    पर्याप्त नींद लें (Take proper sleep)
    सिर्फ सोने के लिए नहीं सोएं। भरपूर नींद लें। इससे दिमाग रिलैक्स होगा और वजन भी नियंत्रित रहेगा। जब आप सोती हैं तो स्किन में नए कोलैजन बनते हैं, जो फ्री-रैडिकल डैमेज रिपेयर करते हैं।
    ग्रीन टी पिएं (Drink Green Tea)
    ग्रीन टी में एंटी ऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में होते हैं। यह पूरी बॉडी के लिए जरूरी हैं। इससे फ्री-रैडिकल डैमेज को ठीक होने में मदद मिलती है। एनर्जी देने के साथ ही यह वजन भी कम करती है।

Thursday 4 August 2016

health tips hindi: मानव शरीर से संम्बंधित रोचक तथ्य(Interesting facts...

health tips hindi: मानव शरीर से संम्बंधित रोचक तथ्य(Interesting facts...: 1. हर मनुष्य अपने जीवन काल में लगभग 60,566 लीटर पानी पी जाता है. 2. मनुष्य के शरीर के एक इंच वर्ग के क्षेत्र में 3 करोड़ 20 लाख बैकटीरीया ह...

Thursday 21 July 2016

गुर्दे की पथरी का इलाज (treatment of kidny stone)

गुर्दे की पथरी (वृक्कीय कैल्कली, नेफरोलिथियासिस) (अंग्रेजी:Kidney stones) मूत्रतंत्र की एक ऐसी स्थिति है जिसमें, वृक्क (गुर्दे) के अन्दर छोटे-छोटे पत्थर सदृश कठोर वस्तुओं का निर्माण होता है। गुर्दें में एक समय में एक या अधिक पथरी हो सकती है। सामान्यत: ये पथरियाँ बिना किसी तकलीफ मूत्रमार्ग से शरीर से बाहर निकाल दी जाती हैं , किन्तु यदि ये पर्याप्त रूप से बड़ी हो जाएं ( २-३ मिमी आकार के) तो ये मूत्रवाहिनी में अवरोध उत्पन्न कर सकती हैं। इस स्थिति में मूत्रांगो के आसपास असहनीय पीड़ा होती है।

यह स्थिति आमतौर से 30 से 60 वर्ष के आयु के व्यक्तियों में पाई जाती है और स्त्रियों की अपेक्षा पुरूषों में चार गुना अधिक पाई जाती है। बच्चों और वृद्धों में मूत्राशय की पथरी ज्यादा बनती है, जबकि वयस्को में अधिकतर गुर्दो और मूत्रवाहक नली में पथरी बन जाती है। आज भारत के प्रत्येक 2000 परिवारों में से एक परिवार इस पीड़ादायक स्थिति से पीड़ित है, लेकिन सबसे दु:खद बात यह है कि इनमें से कुछ प्रतिशत रोगी ही इसका इलाज करवाते हैं। जिन मरीजों को मधुमेह की बीमारी है उन्हें गुर्दे की बीमारी होने की काफी संभावनाएं रहती हैं। अगर किसी मरीज को रक्तचाप की बीमारी है तो उसे नियमित दवा से रक्तचाप को नियंत्रण करने पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि अगर रक्तचाप बढ़ता है, तो भी गुर्दे खराब हो सकते हैं।
गुर्दे की पथरी के कारण
किसी पदार्थ के कारण जब मूत्र सान्द्र (गाढ़ा) हो जाता है तो पथरी निर्मित होने लगती है। इस पदार्थ में छोटे छोटे दाने बनते हैं जो बाद में पथरी में तब्दील हो जाते है। इसके लक्षण जब तक दिखाई नहीं देते तब तक ये मूत्रमार्ग में बढ़ने लगते है और दर्द होने लगता है। इसमें काफी तेज दर्द होता है जो बाजू से शुरु होकर उरू मूल तक बढ़ता है।तथा रोजाना भोजन करते समय उनमें जो कैल्शियम फॉस्फेट आदि तत्व रह जाते हैं, पाचन क्रिया की विकृति से इन तत्वों का पाचन नहीं हो पाता है। वे गुर्दे में एकत्र होते रहते हैं। कैल्शियम, फॉस्फेट के सूक्ष्म कण तो मूत्र द्वारा निकलते रहते हैं, जो कण नहीं निकल पाते वे एक दूसरे से मिलकर पथरी का निर्माण करने लगते हैं। पथरी बड़ी होकर मूत्र नली में पहुंचकर मूत्र अवरोध करने लगती है। तब तीव्र पीड़ा होती है। रोगी तड़पने लगता है। इलाज में देर होने से मूत्र के साथ रक्त भी आने लगता है जिससे काफी पीड़ा होती है। तथा लंबे समय तक पाचन शक्ति ठीक न रहने और मूत्र विकार भी बना रहे तो गुर्दों में कुछ तत्व इकट्ठे होकर पथरी का रूप धारण कर लेते हैं।
किसी प्रकार से पेशाब के साथ निकलने वाले क्षारीय तत्व किसी एक स्थान पर रुक जाते है,चाहे वह मूत्राशय हो,गुर्दा हो या मूत्रनालिका हो,इसके कई रूप होते है,कभी कभी यह बडा रूप लेकर बहुत परेशानी का कारक बन जाती है,पथरी की शंका होने पर किसी प्रकार से इसको जरूर चैक करवा लेना चाहिये ! नए वैज्ञानिक अध्ययनों के आधार पर चिकित्सा विशेषज्ञों ने आशंका व्यक्त की है कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण किडनी में पथरी की समस्या में आम तौर पर तेजी से वृद्धि होगी। कुछ खास क्षेत्रों में यह समस्या बहुत तेजी से बढ़ेगी। इन क्षेत्रों को ‘किडनी स्टोन बेल्ट’ का नाम दिया गया है।
गुर्दे की पथरी के लक्षण
पीठ के निचले हिस्से में अथवा पेट के निचले भाग में अचानक तेज दर्द, जो पेट व जांघ के संधि क्षेत्र तक जाता है। दर्द फैल सकता है या बाजू, श्रोणि, उरू मूल, गुप्तांगो तक बढ़ सकता है, यह दर्द कुछ मिनटो या घंटो तक बना रहता है तथा बीच-बीच में आराम मिलता है। दर्दो के साथ जी मिचलाने तथा उल्टी होने की शिकायत भीहो सकती है। यदि मूत्र संबंधी प्रणाली के किसी भाग में संक्रमण है तो इसके लक्षणों में बुखार, कंपकंपी, पसीना आना, पेशाब आने के साथ-साथ दर्द होना आदि भी शामिल हो सकते हैं ; बार बार और एकदम से पेशाब आना, रुक रुक कर पेशाब आना, रात में अधिक पेशाब आना, मूत्र में रक्त भी आ सकता है। अंडकोशों में दर्द, पेशाब का रंग असामान्य होना। गुर्दे की पथरी के ज्यादातर रोगी पीठ से पेट की तरफ आते भयंकर दर्द की शिकायत करते हैं। यह दर्द रह-रह कर उठता है और कुछ मिनटो से कई घंटो तक बना रहता है इसे ”रीलन क्रोनिन” कहते हैं। यह रोग का प्रमुख लक्षण है, इसमें मूत्रवाहक नली की पथरी में दर्दो पीठ के निचले हिस्से से उठकर जांघों की ओर जाता है।
गुर्दे की पथरी के प्रकार
  • सबसे आम पथरी कैल्शियम पथरी है। पुरुषों में, महिलाओं की तुलना में दो से तीन गुणा ज्यादा होती है। सामान्यतः 20 से 30 आयु वर्ग के पुरुष इससे प्रभावित होते है। कैल्शियम अन्य पदार्थों जैसे आक्सलेट(सबसे सामान्य पदार्थ) फास्फेट या कार्बोनेट से मिलकर पथरी का निर्माण करते है। आक्सलेट कुछ खाद्य पदार्थों में विद्यमान रहता है।
  • पुरुषों में यूरिक एसिड पथरी भी सामान्यतः पाई जाती है। किस्टिनूरिया वाले व्यक्तियों में किस्टाइन पथरी निर्मित होती है। महिला और पुरुष दोनों में यह वंशानुगत हो सकता है।
  • मूत्रमार्ग में होने वाले संक्रमण की वजह से स्ट्रवाइट पथरी होती है जो आमतौर पर महिलाओं में पायी जाती है। स्ट्रवाइट पथरी बढ़कर गुर्दे, मूत्रवाहिनी या मूत्राशय को अवरुद्ध कर सकती है।
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    गुर्दे की पथरी से निजात पाने के कुछ कारगर घरेलू उपाय 
    1. अंगूर का सेवन करें : अंगूर गुर्दे की पथरी को दूर करने में बहुत हीं महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अंगूर प्राकृतिक मूत्रवर्धक के रूप में उत्कृष्ट रूप से कार्य करता है क्योंकि इनमें पोटेशियम नमक  और पानी भरपूर मात्रा में होते हैं। अंगूर में अलबूमीन और सोडियम क्लोराइड बहुत हीं कम मात्रा में होते हैं जिनकी वजह से इन्हें गुर्दे की पथरी के उपचार के लिए बहुत हीं उत्तम माना जाता है। 

    2. प्याज (कांदा) खाएं : प्याज में गुर्दे की पथरी के इलाज के लिए औषधीय गुण पाए जाते हैं। अगर आप सही ढंग से इस घरेलू उपचार का पालन करेंगे तो आपको इसका हैरान कर  देने वाला परिणाम मिलेगा। आपको इसका रस पीना है लेकिन पके हुए प्याज का। इसके लिए आप दो मध्यम आकर के प्याज लेकर  उन्हें अच्छी तरह से छिल लें। फिर एक बर्तन में एक ग्लास पानी डालें और दोनों प्याज को मध्यम आंच पर उसमें पका लें।   जब वे  अच्छी तरह से पक जाये तो उन्हें ठंढा होने दें फिर उन्हें ब्लेंडर में डालकर अच्छी तरह से ब्लेंड कर लें। तत्पश्चात उनके रस को छान लें एवं इस रस का तीन दिनों  तक लगातार सेवन करते रहे। यह घरेलू उपाय राम बाण का काम करता है और दूसरे दिन से हीं गुर्दे की पथरी को बाहर निकालना शुरू कर देता है
    3. विटामिन बी 6 लिया करें 
      विटामिन बी 6 गुर्दे की पथरी को दूर करने में बहुत हीं प्रभावकारी साबित होता है।
      अगर विटामिन बी -6 को विटामिन  बी ग्रुप के  अन्य विटामिन  के साथ  सेवन किया जाये तो  गुर्दे की पथरी के इलाज में काफी सहायता मिलती है। शोधकर्ताओं ने अपने शोध में  पाया है कि इस बी विटामिन की 100 से 150 मिलीग्राम की एक दैनिक खुराक गुर्दे की  पथरी की चिकित्सीय  उपचार में बहुत फायदेमंद हो सकता है। यह विटामिन मष्तिष्क सम्बन्धी विकारों को भी दूर  करता है।